कभी नहीं मरने वाला इंसानों का AI अवतार! इन तरह से अपनी पहचान को अमर बना रहा है
Human Immortality: AI टेक्नोलॉजी बोहोत तेजी से आगे बढ़ रही है और AI ही इनफर्मेशन टेक्नोलॉजी सेक्टर का भविष्य माना जा रहा है. आने वाले भविष्य में AI Tools हमारी रोजमर्रा की जिंदगी का एक अहम् हिस्सा बनने वाला है. ऐसे में अगर AI टूल्स किसी को अमर बना दें तो क्या हो. ऐसा होने की सम्भवना जताई जा रही है लेकिन यह केवल वर्चुअल वर्ल्ड में ही हो सकता है. तो चलिए जानते हैं की आखिर कैसे एक इंसान वर्चुअल वर्ल्ड में अमर होकर रह सकता है.
क्या कोई इंसान की अमर हो सकता है? भविष्य का कुछ पता नहीं है, लेकिन अभी कोई भी इंसान अमरता नहीं हासिल कर सकता है. लेकिन हां, उस इंसान का अवतार जरूर ऐसा कर सकता है. यहाँ हम बात कर रहे हैं इंसानों के AI अवतार के बारेमे जिसकी मदद से किसी भी इंसान की आवाज, उसका चेहरा अमरता हासिल कर सकता है ये कहें कि अमरता को पा ही लिया है.
ये सब AI की वजह से मुमकिन होगा. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस अब धीरे-धीरे इस तरफ बढ़ रहा है. जहां ग्राफिक्स, VFX, ऑटोट्यून जैसी टेक्नोलॉजी अब आम इंसानो के हाथो में होगी.
यदि आप किसी मनुष्य की आवाज को आज से करीब 100 साल के बाद भी अगर इस्तेमाल किया जा सकेगा, तो फिर उस इंसान की आवाज को अमर ही तो कही जाएगी. कुछ इसी तरह चेहरे के साथ भी हो . AI ही वो टेक्नोलॉजी है जो इन सब को आसान करने वाली है, लेकिन आखिर कैसे?
क्या अब चेहरा कभी नहीं मरेगा?
सबसे पहले हम इमेज जनरेट करने वाले बॉट्स की बात करते हैं. Stable diffusion, Midjourney, और Dall-E जैसे AI प्लेटफॉर्म का उपयोग करके किसी के की तस्वीर को रिक्रिएट कि जा सकती है. इसके लिए आपको बस उस इंसान की इमेज यानि फोटो की जरूरत पड़ेगी. आपके एक ही कमांड(Prompt) लिखते ही यह AI tool अपना काम करना शुरू कर देंगे.
एआई बॉट्स की भूमिका चित्र मनोरंजन के इर्द-गिर्द घूमती है, जो उन्हें किसी भी विचार को मूर्त छवि में बदलने की उल्लेखनीय क्षमता प्रदान करती है। इन बॉट्स को किसी अभिनेता की तस्वीर प्रदान करके, कोई भी आसानी से उनके लिए एक नया रूप बना सकता है, एआई-जनित कलाकृति के माध्यम से उनके चेहरे को प्रभावी ढंग से अमर बना सकता है।
छवि निर्माण उपकरणों में हाल की प्रगति ने हमें आश्चर्यचकित कर दिया है। चाहे वह आदिपुरुष में रावण का शानदार नया रूप हो या मार्क जुकरबर्ग का रैंप पर थिरकना, दोनों छवियां एआई टूल की सहायता से तैयार की गई थीं। उनकी जीवंत गुणवत्ता बहुत कम लोगों को उनकी कृत्रिम प्रकृति को समझने में सक्षम बनाती है।
मेटा के अत्याधुनिक टूल, वॉयसबॉक्स के आगमन के साथ आवाज के क्षेत्र में भी परिवर्तनकारी सफलता देखी जा रही है। हालाँकि अभी तक सभी उपयोगकर्ताओं के लिए उपलब्ध नहीं है, यह AI बॉट व्यक्तियों को किसी व्यक्ति की सटीक ध्वनि प्रतिकृति बनाने की अनुमति देता है। मात्र 2-सेकंड का ऑडियो नमूना उस व्यक्ति की आवाज़ में संपूर्ण संवाद को संश्लेषित करने के लिए पर्याप्त है।
इस तकनीक ने कई वायरल इंस्टाग्राम रीलों को जन्म दिया है, जहां दार्शनिक एआई-जनित आवाजों का उपयोग करके अपने स्वयं के उद्धरण सुनाते दिखाई देते हैं। इस सरल एप्लिकेशन के माध्यम से, मनुष्यों के लिए अमर एआई अवतारों की धारणा सुर्खियों में आती है।
भविष्य को देखते हुए, एक ऐसी तकनीक की संभावना जो मृत्यु के बाद भी हमारी यादों को संरक्षित करने में सक्षम हो, हमें उनके साथ बातचीत करने में सक्षम बनाती है, डिजिटल अवतार के माध्यम से पूर्ण अमरता के दायरे को खोलती है। हालाँकि, इन अभूतपूर्व प्रगति के साथ-साथ चुनौतियाँ भी सामने आती हैं।
डीप फेक वीडियो के कुख्यात मुद्दे ने कुख्याति हासिल कर ली है, जिससे किसी व्यक्ति की आवाज और यहां तक कि उनके लिप-सिंक को हेरफेर की गई सामग्री से बदलकर भ्रामक वीडियो बनाने में मदद मिलती है। जैसे-जैसे एआई बॉट विकसित हो रहे हैं, ये चुनौतियाँ तीव्र हो सकती हैं, जो नकली वीडियो, नकली गाने और संभावित रूप से नकली अश्लील साहित्य जैसी स्पष्ट सामग्री के रूप में प्रकट हो सकती हैं।
हाल की रिपोर्टों ने डार्क वेब पर प्रसारित परेशान करने वाली सामग्री को उजागर किया है, जहां बच्चों से जुड़ी अनुचित सामग्री तैयार करने के लिए एआई का उपयोग किया जाता है। प्रौद्योगिकी का यह अनैतिक उपयोग महत्वपूर्ण चिंताएँ उत्पन्न करता है।
मानव अस्तित्व के पहलुओं को अमर बनाने की एआई की क्षमता विस्मयकारी है, लेकिन यह विकट चुनौतियाँ भी सामने लाती है। एआई-संचालित नवाचारों के उभरते युग में लाभकारी उद्देश्यों के लिए जिम्मेदार उपयोग को संतुलित करना और दुरुपयोग और हानिकारक गतिविधियों से बचाव करना सर्वोपरि होगा।